भोपाल . राज्य सरकार प्रदेश में 20 साल बाद फिर से नगरीय निकायों में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर और अध्यक्ष चुनने की व्यवस्था करने पर विचार कर रही है। इसके तहत पार्षद महापौर को चुनेंगे। इस संबंध में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव लाया जा रहा है। फिलहाल प्रदेश के नगरीय निकायों में आम चुनाव के जरिए जनता वोट कर महापौर या अध्यक्ष को चुनती है। नई व्यवस्था लागू करने के लिए मध्यप्रदेश नगर पालिक अधिनियम में संशोधन करने जा रही है। प्रदेश में अगले साल मार्च के महीने में निकायों के चुनाव संभावित है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव कराए जाने के पीछे अपना राजनीतिक लाभ देख रही है।
उसे आशंका है कि यदि प्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर के चुनाव हुए तो उसे नुकसान हो सकता है। साथ ही निकाय परिसीमन और चुनाव के बीच की अवधि 6 माह से घटाकर 2 माह किए जाने के प्रस्ताव भी चर्चा होगी। अभी परिसीमन और चुनाव के बीच 6 महीने का समय होना जरूरी है।
दो संभागों में पोषण आहार व्यवस्था चार महीने के लिए निजी हाथों में : कैबिनेट में रीवा और सागर संभाग में पोषण आहार व्यवस्था (टीआरएच) अगले चार महीने के लिए कंपनियों को देने पर विचार किया जाएगा। इन संभागों में पोषण आहार वितरित कर रही कंपनियों का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। इन संभागों में पोषण आहार व्यवस्था स्वसहायता समूहों द्वारा कराया जाना था, लेकिन यह व्यवस्था लागू न होने से सरकार मौजूदा कंपनियों से ही पोषाहार वितरित कराएगी। शिवपुरी और मंडला जिले में भी पोषाहार व्यवस्था कंपनियों के पास रहेगी।
डीजी रैंक का एक और पद निर्मित होगा : राज्य सरकार पुलिस महानिदेशक (डीजी) रैंक का एक और पद निर्मित करने जा रही है। इस मामले में बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाएगा। पिछली कैबिनेट में भी गृह विभाग के द्वारा यह प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन उसे मंजूरी नहीं मिल पाई थी। नए निर्मित होने वाले पद पर 1987 बैच के एडीजी विजय कुमार को प्रमोट किया जाएगा, वे इसी महीने रिटायर हो रहे हैं। इसके अलावा मंत्रिमंडल की बैठक में अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी।
इनमें प्रमुख रूप से रीवा, सागर, शिवपुरी और मंडला में पोषण आहार की व्यवस्था निजी कंपनियों के लिए चार महीने और आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा होगी। इन कंपनियों का टेंडर इसी महीने की 31 तारीख को खत्म हो रहा है। राज्य सरकार इसे चार महीने आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है।